सऊदी अरब के ‘Sleeping Prince’ अल-वालिद बिन खालिद/ saudi arab ke sleeping prince al-waleed -bin -talal
सऊदी अरब के ‘Sleeping Prince’ अल-वालिद बिन खालिद/ saudi arab ke sleeping prince al-waleed -bin -talal सच्ची कहानी और मृत्यु: 20 वर्षों के कोमा के बाद दुनिया ने खो दिया एक शाही राजकुमार सऊदी अरब के ‘Sleeping Prince’ प्रिंस अल-वालिद बिन खालिद का निधन – 20 वर्षों के कोमा के बाद अंत हुआ एक शाही संघर्ष की गाथा-
परिचय:–
सऊदी अरब के शाही परिवार की एक मार्मिक और रहस्यमयी कहानी हाल ही में अपने अंतिम अध्याय तक पहुँची है। प्रिंस अल-वालिद बिन खालिद बिन तलाल अल-सऊद, जिन्हें दुनिया भर में ‘Sleeping Prince’ के नाम से जाना जाता था, का 19 जुलाई 2025 को निधन हो गया। वे लगभग 20 वर्षों से कोमा में थे। यह लेख उनके जीवन, दुर्घटना, लंबे संघर्ष और आखिरकार उनके निधन की विस्तृत कहानी को आपके सामने रखता है।
प्रिंस अल-वालिद बिन खालिद बिन तलाल अल-सऊद, सऊदी अरब के प्रतिष्ठित शाही परिवार के सदस्य थे। वे प्रिंस खालिद बिन तलाल के पुत्र और प्रिंस अल-वलीद बिन तलाल के भतीजे थे।उनका जन्म अप्रैल 1990 में हुआ था और वे पढ़ाई के लिए लंदन में रह रहे थे।
साल 2005 में, मात्र 15 वर्ष की उम्र में, प्रिंस अल-वालिद एक भीषण कार दुर्घटना का शिकार हो गए। इस दुर्घटना में उन्हें गंभीर सिर की चोट आई और वे कोमा में चले गए। डॉक्टर्स ने परिवार को साफ शब्दों में कहा कि उनकी रिकवरी की कोई उम्मीद नहीं है और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटाने का सुझाव दिया गया।
लेकिन उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल ने डॉक्टर्स की राय को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने बेटे की देखभाल के लिए रियाद के किंग अब्दुलअज़ीज़ मेडिकल सिटी में सभी आधुनिक उपकरणों और निजी देखभाल की व्यवस्था की।प्रिंस खालिद ने कहा:
“अगर अल्लाह चाहता है, तो वह जीवन देगा। मैं अपने बेटे की जिंदगी से हार नहीं मानूंगा।”
‘Sleeping Prince’ की स्थिति लोगों के लिए आशा, प्रेम और विश्वास का प्रतीक बन गई।
- समय-समय पर सोशल मीडिया पर वीडियोज वायरल होते रहे, जिनमें राजकुमार अपनी आंखें खोलते या हाथ हिलाते दिखाई देते थे।
- इन वीडियो ने दुनिया भर में प्रार्थनाओं की लहर चला दी।
- #SleepingPrince ट्रेंड बनता रहा और लाखों लोगों ने उनके लिए संवेदनाएं व्यक्त कीं
19 जुलाई 2025 को 36 वर्ष की आयु में, प्रिंस अल-वालिद ने अंतिम सांस ली।
उनके निधन की पुष्टि उनके परिवार और सऊदी मीडिया ने की।
20 जुलाई 2025 को, रियाद की इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला मस्जिद में उनकी जनाज़े की नमाज़ पढ़ी गई और उन्हें पूरे शाही सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
उनकी मृत्यु की खबर के साथ ही सोशल मीडिया पर #FarewellSleepingPrince, #AlWaleedBinKhaled, जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।सिर्फ अरब ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।उनकी कहानी ने यह सिखाया कि –
“जब तक सांस है, तब तक आशा है।”