Chronic Venous Insufficiency – (CVI) क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी-एक गंभीर रोग
Chronic Venous Insufficiency – (CVI) क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी-एक गंभीर रोग -की पूरी जानकारी परिचय: Chronic Venous Insufficiency – (CVI) क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी एक सामान्य लेकिन गंभीर रोग है, जिसमें शरीर की नसें विशेष रूप से पैरों की नसें, ठीक से रक्त को हृदय तक वापस नहीं पहुँचा पातीं। इस स्थिति में रक्त नसों में जमा…
Chronic Venous Insufficiency – (CVI) क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी-एक गंभीर रोग -की पूरी जानकारी
परिचय:
Chronic Venous Insufficiency – (CVI) क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी एक सामान्य लेकिन गंभीर रोग है, जिसमें शरीर की नसें विशेष रूप से पैरों की नसें, ठीक से रक्त को हृदय तक वापस नहीं पहुँचा पातीं। इस स्थिति में रक्त नसों में जमा होने लगता है जिससे सूजन, दर्द और अन्य जटिलताएँ उत्पन्न होती हैं। यह रोग धीरे-धीरे विकसित होता है और समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह त्वचा में घाव या अल्सर तक पहुंच सकता है।
यह रोग कैसे होता है? (रोग की प्रक्रिया)
हमारे शरीर की नसें (veins) रक्त को वापस हृदय तक पहुंचाने का कार्य करती हैं। पैरों की नसों में एकतरफा वाल्व होते हैं जो रक्त को ऊपर की ओर हृदय की दिशा में धकेलते हैं। जब ये वाल्व कमजोर या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो रक्त नीचे की ओर वापस बहने लगता है और नसों में जमने लगता है। यही स्थिति क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी कहलाती है।
मुख्य कारण (Causes):
CVI के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- गहरी नसों का थक्का (Deep Vein Thrombosis – DVT): नसों में खून का थक्का जम जाने से वाल्व खराब हो सकते हैं।
- लंबे समय तक खड़ा रहना या बैठना: लगातार खड़े रहने या बैठने वाले लोगों में रक्त संचार धीमा हो जाता है।
- मोटापा: अधिक वजन से पैरों पर दबाव बढ़ता है जिससे नसों पर प्रभाव पड़ता है।
- गर्भावस्था: इस दौरान हार्मोनल बदलाव और बढ़ता वजन नसों को प्रभावित कर सकते हैं।
- उम्र बढ़ना: उम्र के साथ नसों के वाल्व कमजोर हो जाते हैं।
- पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को यह रोग है तो दूसरों को भी होने की संभावना रहती है।
लक्षण (Symptoms):
CVI के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- पैरों में लगातार सूजन
- टांगों में भारीपन या थकान महसूस होना
- नसों का उभर आना (वैरिकोज़ वेन्स)
- त्वचा का रंग बदलना, विशेषकर टखनों के पास
- खुजली या चुभन
- पैरों में जलन
- गंभीर अवस्था में पैरों में घाव या अल्सर
निदान (Diagnosis):
डॉक्टर इस रोग का निदान करने के लिए निम्नलिखित विधियों का सहारा ले सकते हैं:
- शारीरिक परीक्षण
- डॉप्लर अल्ट्रासाउंड: नसों में रक्त प्रवाह की जांच के लिए
- वेनोंग्राफी (Venography): नसों की तस्वीर देखने के लिए विशेष रंग का इंजेक्शन
इलाज (Treatment):
CVI का इलाज रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है। निम्नलिखित विकल्प अपनाए जा सकते हैं:-
- लाइफस्टाइल में बदलाव:-
- चलना-फिरना बढ़ाएं
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में न रहें
- वजन नियंत्रित रखें
- कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स:–
- पैरों पर विशेष प्रकार के दबाव वाले मोजे पहनना जिससे रक्त ऊपर की ओर धकेला जा सके।
- दवाएं:–
- रक्त को पतला रखने वाली या नसों की कार्यक्षमता बढ़ाने वाली दवाएं दी जाती हैं।
- लेजर या सर्जरी:–
- गंभीर मामलों में नसों को बंद करने या हटाने के लिए लेजर थेरेपी या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
सावधानियाँ (Precautions):–
- रोजाना थोड़ी देर टहलें, विशेष रूप से लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने के बाद।
- पैरों को ऊँचा रखें ताकि रक्त का प्रवाह बेहतर हो।
- तंग कपड़े पहनने से बचें, खासकर जांघों और पेट के आसपास।
- धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें।
- समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं, विशेषकर अगर परिवार में यह रोग रहा हो।
निष्कर्ष:
क्रॉनिक वेनस इनसफिशिएंसी एक धीमी गति से बढ़ने वाली लेकिन जटिलता देने वाली बीमारी है। यदि समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना जाए और उचित इलाज किया जाए तो इससे बचाव संभव है। अपने दिनचर्या में छोटे बदलाव, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और चिकित्सकीय सलाह के साथ इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। याद रखें, पैरों की नसों की देखभाल उतनी ही जरूरी है जितनी हृदय की।